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गुरुवार, 11 सितंबर 2014

श्रीमद्भगवद्गीता -अथद्वितीयोऽध्यायः ( ३१-३८ )




३१-३८ क्षात्र धर्म के अनुसार युद्ध करने की आवश्यकता का निरुपण |

स्वधर्ममपि चावेक्ष्य न विकम्पितुमर्हसि|
धर्म्याद्धि युद्धाछ्रेयोऽन्यत्क्षत्रियस्य न विद्यते ||

अर्थ-तथा अपने धर्म को देखकर भी तू भय करने योग्य नहीं है अर्थात् तुझे भय
नहीं करना चाहिये ;क्योंकि क्षत्रिय के लिये धर्मयुक्त युद्ध से बढकर दूसरा कोई
कल्याणकारी कर्तव्य नहीं है ||३१||

यदृच्छया चोपपन्नं स्वर्गद्वारमपावृतम् |
सुखिनः क्षत्रियाः पार्थ लभन्ते युद्धमीदृशम् ||

अर्थ-हे पार्थ ! अपने-आप प्राप्त हुए और खुले हुए स्वर्ग के द्वाररूप इस प्रकार
के धर्म युद्ध को भाग्यवान् क्षत्रिय लोग ही पाते हैं ||३२||

अथ चेत्वमिमं धर्म्यं सङ्ग्रामं न करिष्यसि |
ततः स्वधर्मं कीर्तिं च हित्वा पापमवाप्स्यसि ||

अर्थ- किन्तु यदि तू इस धर्मयुक्त युद्ध को नहीं करेगा तो स्वधर्म और कीर्ति
को खोकर  पाप को प्राप्त होगा || ३३ ||

अकीर्ति      चापि      भूतानि
कथयिष्यन्ति    तेव्ययाम् |
सम्भावितस्य  चाकीर्ति  -
र्मरणादतिरिच्यते        ||

अर्थ-तथा सब लोग तेरी बहुत कालतक रहने वाली अपकीर्ति का भी कथन करेंगे और
माननीय पुरुष के लिये अपकीर्ति मरण से भी बढ कर है ||३४||

भयाद्रणादुपरतं मंस्यन्ते त्वां महारथाः|
येषां च त्वं बहुमतो भूत्वा यास्यसि लाघवम् ||

अर्थ-और जिनकी दृष्टि में तू पहले बहुत सम्मानित होकर अब लघुता को प्राप्त
होगा ,वे महारथी लोग तुझे भय के कारण युद्ध से हटा हुआ मानेंगे ||३५||

अवाच्यवादांश्च बहून्वदिष्यन्ति तवाहिताः |
निन्दन्तस्तव सामर्थ्य ततो दुःखतरं नु किम् ||

अर्थ - तेरे वैरी लोग तेरे सामर्थ्य की निन्दा करते हुए तुझे बहुत-से न कहने
 योग्य वचन भी कहेंगे ; उससे अधिक दुःख और क्या होगा ? ||३६||

हतो वा प्राप्यसि स्वर्गं जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम् |
तस्मादुत्तिष्ठ  कौन्तेय  युद्धाय  कृतनिश्चयः ||

अर्थ - या तो तू युद्ध में मारा जाकर स्वर्ग को प्राप्त होगा अथवा संग्राम में
जीतकर प्रुथ्वी का राज्य भोगेगा | इस कारण हे अर्जुन ! तू युद्ध के लिये
निश्चय करके खडा हो जा ||३७||

सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ |
ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि ||

अर्थ- जय - पराजय ,लाभ - हानि और सुख-दुःख को समान समझकर , उसके
बाद युद्ध के लिये तैयार हो जा ; इस प्रकार युद्ध करने से तू पाप को नहीं प्राप्त होगा ||३८ ||

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